तंबाकू खाने से क्या होता है , साइड इफेक्ट और तंबाकू के इतिहास की विस्तृत जानकारी

यह जानते हुए कि तंबाकू का सेवन करने से शरीर को नुकसान पहुंचता है। इसके बावजूद तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या भारत में बहुत ज्यादा है। और यह संख्या कम नहीं बल्कि दिन पे दिन बढ़ती जा रही है। एक रिसर्च के अनुसार भारत में हर 9 वां व्यक्ति किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करता है। तंबाकू का सेवन करने वाले कई लोग तंबाकू को खाते हैं। तो कई लोग इसे स्मोकिंग के रूप में प्रयोग करते हैं। तंबाकू एक प्रकार की लाइलाज बीमारी है । यह हमारी क्वालिटी ऑफ लाइफ को खराब करने के लिए बहुत ही घातक है। तंबाकू का सेवन करने के कारण कई लोग कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से जान गवां देते है। तंबाकू आपको धीरे धीरे ऐसी जकड़ लेती है। आपको यह पता भी नहीं चलता ।इसकी लत इतनी बुरी होती है कि छुड़ाने पर भी यह नहीं छूटती। तंबाकू का सेवन करने के कारण होने वाले रोग के बारे में तो आपने सुना ही होगा। इसके बावजूद लोगों में तंबाकू खाने की दिलचस्पी यूं बड़ी हैं मानो कोई अच्छा पदार्थ है। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में तंबाकू से होने वाले रोग उसके नुकसान और तंबाकू छोड़ने के क्या फायदे हैं। या आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे साथ ही यह भी बताएंगे कि तंबाकू का इतिहास क्या रहा है।

क्या है तंबाकू का इतिहास

तंबाकू खाने का चलन कोई 100, 200 साल पहले से नहीं शुरू हुआ है। ऐसा माना जाता है कि लोग 6000 साल पूर्व से ही शक्तिशाली और लत लगाने वाले रासायनिक तत्व निकोटीन के स्रोत के रूप में तंबाकू का उपयोग अलग-अलग तरह से करते आ रहे हैं। तंबाकू का पौधा मूल रूप से उत्तर और दक्षिणी अमेरिका में हुआ करता था। और 15वीं और 16वीं सदी में या यूरोप में लाया गया। जहां इसका विस्तार हुआ। 400 साल पहले पुर्तगाली व्यापारियों द्वारा तंबाकू को पहली बार भारत लाया गया था। भारत में स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले तंबाकू के कुछ प्रकार पहले से ही मौजूद थे।लेकिन ब्राजील से आई इस नई तकनीक और किस्म की तंबाकू कुछ अद्भुत ही थी। तंबाकू का व्यापार तेजी से बढ़ा। तंबाकू 17 वीं सदी में गोवा से गुजरने वाली सबसे महत्वपूर्ण वस्तु थी। पुर्तगालियों द्वारा भारत में लगाई गई । तंबाकू धीरे-धीरे नशे के रूप में बदलती गई है। पुर्तगाली कॉलोनी में लगभग हर घर में धूम्रपान और तंबाकू चबाने का नया शौक बन गया। इसमें भारतीयों ने जमकर हिस्सा लिया। बाद में अंग्रेजों ने आधुनिक व्यवसायिक रूप से उत्पादित सिगरेट को बाजार में पेश किया। जिसके अंदर तंबाकू भरी थी। भारत में तंबाकू का अगर आप इतिहास देखेंगे तो सदियों से तंबाकू को एक पान के पत्ते के अंदर लपेट कर मुंह के एक तरफ रखकर चबाया जाता रहा है। यह तंबाकू इतनी विख्यात हो गई कि इसकी कंपनियों खुल गई और कंपनी छोटे-छोटे पैकट बनाकर बाजारों में बेचने लगी। एक सरकारी आंकड़े के अनुसार 2001 में भारत सरकार ने 18 वर्ष से कम आयु के लोगों को सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। तंबाकू उत्पाद विधेयक 2001 में बच्चों को तंबाकू बेचने वालों को 3 महीने तक की जेल की सजा सुनाई थी। इस कानून के तहत यह भी बताया गया था कि कंपनियां पैकेजिंग पर भार और निकोटिन की मात्रा छापने की भी आवश्यकता जारी रखेंगे साथ ही इससे होने वाली हानि का लोगो भी छापना होगा।जो अभी तक चला रहा है।

तंबाकू क्या है

तंबाकू एक निकोटीन युक्त पत्तियों वाला एक पौधा होता है। पत्तियां सूखने के बाद धूम्रपान के लिए इसे उपयोग किया जाता है। आमतौर पर सिगरेट बनाने के लिए इनका उपयोग किया जाता है। यह पौधा लगभग पूरी दुनिया में उगाया जाता है। और तकरीबन 1 बिलियन डॉलर का उद्योग करता है। इस पौधे में प्रमुख मादक घटक निकोटिन होता है ।जो काफी उत्तेजक होता है। और शरीर के लिए हानिकारक होता है। इसमें दो हजार से अधिक जहरीले तत्व होते हैं। तंबाकू से निकलने वाले हानिकारक तत्व निकोटीन कार्बन मोनोऑक्साइड जहरीले रसायन जैसे बेल्जिन, आर्सेनिक , फॉर्मएल्डिहाइड , रेडियोधर्मी आदि। तंबाकू एक तंत्रिका तंत्र उत्तेजक है। जो न्यूरोट्रांसमीटर विघटन को हिट करता है। यह हृदय गति और ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है। तंबाकू फेफड़ों के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक है।

तंबाकू के प्रकार

तंबाकू उद्योगों में चार प्रकार के तंबाकू का उपयोग तंबाकू उत्पादन के लिए किया जाता है।

वर्जीनिया तंबाकू : वर्जीनिया तंबाकू की सबसे बहुमुखी किस्मो में से एक है। वर्जीनिया तंबाकू को सुखाकर अन्य प्रक्रियाओं के माध्यम से अलग-अलग प्रकार की विशेषताओं का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। यह किस्म मूल रूप से देशी उत्तरी अमेरिका द्वारा उगाई जाती रही है।

बर्ली तंबाकू : बर्ली नामक किस्म में लगभग शून्य शर्करा होती है। आमतौर पर निकोटीन का स्तर माध्यम होता है। बर्ली किस्म सुनहरे भूरे रंग की होती है। यह उत्तरी अमेरिका में वाइट बर्ली के रूप में जानी जाती है।

ओरिएंटल तंबाकू: आमतौर पर वर्जिनियां कैंडिस, और बर्ली के साथ मिश्रित किया जाता है। इस तंबाकू का सेवन अनुभवी धूम्रपान करने वालों के बीच लोकप्रिय है। क्योंकि इसका स्वाद अक्सर बहुत समृद्ध और तेज लगता है।

ब्लैंडेड तंबाकू : यह ओरिएंटल वर्जीनिया और वर्ली किस्म की तंबाकू का मिश्रण होता है।

तंबाकू के हानिकारक प्रभाव

तंबाकू के सेवन से शरीर में लगभग हर अंग को नुकसान पहुंचता है। निम्नलिखित आधार पर हर किसी को अलग-अलग तरह की तरह से प्रभावित करता है जैसे
व्यक्ति के शरीर का आकार वजन असमान्य रूप से बढ़ने लगता है। अगर आप तंबाकू लेने का आदी है। संभल जाइए । कई लोग इसका सेवन अधिक मात्रा करते है। लेते समय यह भी देखते हैं कि तंबाकू किस किस्म की थी कितनी स्ट्रांग है उत्पाद में कितना अंश है। तंबाकू मानव शरीर को खोखला करने में सक्षम है। सिगरेट के प्रत्येक कश फेफड़ों में निकोटिन और हानिकारक पदार्थ की खींचता है। तंबाकू का नियमित उपयोग करने से खांसी सर्दी ,पीठ दर्द, बच्चे पैदा करने में कठिनाई होना, अनियमित पीरियड , शीघ्रपतन, लिंग में उत्तेजना में कठिनाई, तंबाकू पर निर्भरता सामाजिक व्यक्ति के लिए इस बात पर निर्भर करती है। की वह कितनी मात्रा में धूम्रपान करते हैं। अधिक सेवन से सुनने और स्वाद महसूस करने की क्षमता धीरे-धीरे खो देते हैं। उनके पास व्यायाम और खेल के लिए स्टैमिना खो देना। मुंह से लगातार बदबू आना। पायरिया से जुड़ी बीमारी भी हो सकती है। इसलिए तंबाकू के सेवन से दूरी बनानी चाहिए।

तंबाकू छोड़ने के क्या फायदे है

तंबाकू छोड़ने के निम्न फायदे हैं।

  • आपकी सांस से आने वाली बदबू और मुंह की गंध सही हो जाएगी।
  • आपके बच्चों में इसका असर नही होगा और उनके धूम्रपान शुरू करने की संभावना कम होगी।
  • आपको नौकरी पाने में आसानी हो सकती है।
  • आपके रहने के लिए अपार्टमेंट होटल का कमरा ढूंढना और आसान हो जाएगा।
  • तंबाकू ना खाने से आपका शरीर हमेशा स्वस्थ और एक्टिव रहेगा।
  • तंबाकू ना खाने से आप पैसे बचा सकते हैं और उन्हीं पैसों का इस्तेमाल अच्छे कार्यों में खर्च कर सकते हैं ।
  • आप सिगरेट और तंबाकू पर सालाना लगभग ₹50000 खर्च करते हैं। ये पैसे किसी अन्य कार्य में उपयोग कर सकते है।
  • आपके गंदे दांत धीरे-धीरे सफेद हो सकते हैं।
  • आपकी उंगलियां और नाखून का पीला रंग धीरे धीरे कम हो जाएगा।
  • आपमें सूंघने की क्षमता वापस आ जाएगी और भोजन का स्वाद बेहतर लगने लगेगा।

तंबाकू के सेवन से होने वाली यह जानलेवा बीमारियां

तंबाकू से होने वाली है जानलेवा बीमारियां निम्न है

फेफड़ों में कैंसर

फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू को ही माना जाता है। फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा उन लोगों को रहता है। जो स्मोकिंग करते हैं। स्मोकिंग के कारण फेफड़े की कार्यप्रणाली बुरी तरह से प्रभावित होती है। और धीरे-धीरे कैंसर की चपेट में आ जाती है।

लिवर कैंसर

लिवर कैंसर के कारण भारत में हजारों लोग अपनी जान गवां रहे हैं। लिवर में होने वाला संक्रमण व्यक्ति को किसी भी समय मौत की आगोश में सुला सकता है। कैंसर होने के बाद यह संक्रमण इतना तेजी से फैलता है कि इसे रोक पाना नामुमकिन सा हो जाता है इसलिए तंबाकू का सेवन से दूर रहें और लिवर कैंसर से बचे हैं।

मुंह का कैंसर

मुंह के कैंसर से भारत में पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी जूझ रही हैं। ऐसा नहीं है कि तंबाकू का सेवन करने वाले ही मुंह के कैंसर से पीड़ित होते हैं। बल्कि जो लोग इस स्मोकिंग करते हैं। उन्हें भी मुंह के कैंसर होने की संभावना अधिक बढ़ रहती है। ज्यादातर मुंह में कैंसर तंबाकू को तंबाकू के लगातार सेवन से होता है। क्योंकि तंबाकू खाने के बाद लोग थूक को बाहर नहीं निकालते बल्कि निगल लेते हैं। जिसके कारण वह कैंसर के रूप में बदलने लगता है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन

यह पुरुषों में होने वाली एक समस्या है। जो इरेक्शन को ठीक तरह से नहीं होने देती है। तंबाकू का सेवन करने के कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। यह पुरुषों की मर्दानगी पर भी बुरा असर करती है। और उनमें क्वालिटी ऑफ लाइफ को खराब कर देती है। इसलिए अपनी शादीशुदा जिंदगी को खुशहाल रखने के लिए तंबाकू का सेवन ना करें।

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